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कॉलगर्ल

जगदीश पोपट कर के साथ रहकर पूरी तरह समझ गया था कि करण दास की वाइफ पर नजर रखने के लिए पोपट सर ने नारंग को लगा दिया है। दोनों ने तकरीबन एक किलोमीटर का अंतर तय किया होगा कि पोपट सर का मोबाइल बज उठा। नारंग का मोबाइल नंबर स्पार्क हो रहा था खटपटिया ने तुरंत कान में लगे ब्लूटूथ को ऑन कर दिया फिर चिल्लाया, "अब क्या है?" "सर, मैडम को मिलने के लिए कोई उसके बंगले में अभी-अभी दाखिल हुआ है।" "ओके....ओके मेरी बात ध्यान से सुन। दोनों पर नजर बनाए रखना और एक बात खास ध्यान रहे कि उनको इस बात का जरा भी डाउट नहीं होना चाहिए कि तुम उस पर निगाह रखे हुए हो। दूसरी बात पूरी सावधानी से हो सके तो दोनों की अपने मोबाइल में एक फोटो जरूर कैप्चर कर लेना।" "ठीक है सर...! ऐसा ही करूंगा।" अपनी बात पूरी करके खटपटिया ने एक रेस्टोरेंट के आगे अपनी गाड़ी पार्क कर ली। इस वक्त इंस्पेक्टर जगदीश को पोपट खटपटिया का बर्ताव समझ में नहीं आ रहा था। "क्या हुआ सर? कोई प्रोब्लेम है?" जगदीश पूछ बैठा। "कोई प्रोब्लेम नही है बावले?" "क्यों सर, बावला?" "तो क्या सर, तेरे सर का मूड कोफी पीने का है नाऊं!" "नो ....नो... सर...! आई नोव!" "तुम्हारे दिमाग को नापना मेरे बस की बात बिलकुल नही है।" "यार, गुड लगाना बंध कर, अब!" खटपटिया ने रेस्टोरेंट के लास्ट टेबल पर बैठते हुए वेटर को इशारा किया। सर को देखते ही मुस्कुराता हुआ वॉटर उनका आर्डर लेकर  चला गया। इंस्पेक्टर खटिया में तुरंत की अपना मोबाइल हाथ में लिया। पोपट खटपटिया अपने मोबाइल का डिस्प्ले ऑन करके ऑनलाइन कैमरा चेक करने लगा। कुछ देर बाद कैमरे के रिकॉर्डिंग में जो दृश्य उसे नजर आया उसे देखते ही उसकी आंखें चौड़ी हो गई। जगदीश ने अभी कैमरे में मौजूद चेहरे को देखा तो उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। "सर, यह तो....' "करणदास की वाइफ है यही ना?" जगदीश का मजा लेते हुए खटपटिया ने ही उत्तर दिया फिर उसके बाद खटपटिया ने ही अपने होंठ पर उंगली रखकर जगदीश को चुप रहने का इशारा किया। कटपड़िया के बगल में बैठा जगदीश उसकी तेज बुद्धि प्रतिभा और समयसूचकता पर आफरीन हो गया। दोनों बहुत ही ध्यान से मोबाइल स्क्रीन में नजर आ रहे महत्वपूर्ण दृश्य को एक ध्यान से देखने लगे। लंब गोल चेहरे के साथ कसी हुई बॉडी वाला एक हैंडसम युवान करण दास की वाइफ के साथ उसके रूम में मौजूद था। इस दृश्य ने खटपटिया की खोपड़ी घुमाकर रख दी। कटे कटे आकर्षक हीरो जैसे लड़के ने आते ही करण दास की बीवी को अपने आलिंगन में दबोच लिया था। "मीरा, मैंने सोचा नहीं था कि तुम्हारा दांपत्य जीवन इतनी जल्दी टुटकर बिखर जाएगा मुझे बहुत दुख हुआ यार "पर मैं हूं ना सारा टेंशन मुझ पर छोड़ दे! और बिल्कुल फ्री माइंड हो जा।" मीरा ने उसे अपने सीने से ऐसे लगा रखा था जैसे वह उससे एक पल के लिए भी जुदा होना नहीं चाहती थी। "आई एम रियली सॉरी समीर, सच कहते हो मैं तुम्हें पहले भी छोड़ना नहीं चाहती थी। मगर क्या करूं मेरी किस्मत ही खराब थी। जानबूझकर मैंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। अब किस्मत ने मेरी जिंदगी में जितने दुख देने हैं वह तो मुझे भुगत नहीं पड़ेंगे। जानते हो मैं तुमसे कभी एक पल कहीं दूर नहीं रहना चाहती थी नहीं तुम्हारे लिए मेरी मोहब्बत कम हुई थी लेकिन क्या करूं मैं अपने परिवार के आगे नतमस्तक थी ---मजबूर थी। पापा मम्मी की नाराजगी सहना मेरे बस में नहीं था। मुझे माफ कर दो समीर उतनी हिम्मत मुझ में नहीं थी काश के उसे वक्त मैं अपने आप को मजबूत कर लिया होता थोड़ी हिम्मत करके अपने परिवार के सामने हमारे प्यार का इजहार कर लिया होता तो आज मेरी जिंदगी कुछ और होती। मुझे यह दिन देखना ही ना पड़ता।" मेरा अपनी बात कहकर सिसक उठी। "अरे यार मैं तुम्हें रुलाना नहीं चाहता था नहीं तुम्हें रोता हुआ देख सकता हूं तुम सब कुछ जानते हुए भी मेरे सामने इस तरह टूट कर बिखर जाओगी तो मेरा क्या होगा। तुम्हें हिम्मत से कम लेना होगा। तुम कभी मुझसे जुदा नहीं हुई शादी के बाद भी मैंने तुम्हें टूट कर मोहब्बत की है। मैं तुम्हें कभी भुला नहीं पाया मीरा। लेकिन एक बात जरूर बताना चाहूंगा अब तुझे दुखी होने की जरूरत नहीं है। हम नहीं मिल पाए वह किस्मत की बात है लेकिन वही किस्मत में फिर हमें एक कर दिया। इसलिए तुम अपने पास्ट को भूल जाओ। "यह सब अचानक कैसे हुआ मैं डिटेल में जानना चाहता हूं! तभी तो मैं तुम्हारे लिए कुछ कर पाऊंगा। प्लीज बताओ मुझे।" समीर ने उसे सोफे पर अपने पास बिठाते हुए कहा। "आई नो समीर, अभी इस वक्त वह पुलिस ऑफिसर मेरे घर पर आकर गया है। वह इस वक्त अस्पताल में मेरा इंतजार कर रहा है इसलिए बाकी बातें बाद में ही हो पाएगी और हां, वह मुझे कारण की डेड बॉडी दिखाना चाहता है।" मीरा ने जानबूझकर यह बात नहीं बताइ कि मुझे करण का चेहरा देखना है। जब तक मैं घर पर ना आऊं तब तक तुम न्यूज़ चैनल पर न्यूज़ देखो दो दिनों से लोकल न्यूज़ चैनल पर यही सब चल रहा है। बहुत सी जानकारी तुझे इसी से मिल जाएगी बाकी बातें मेरे आने के बाद। जिसे भी देखो खूनी के कठपुतली वाले शब्द पर हंगामा मचा रहा है। छोटे-छोटे न्यूज़ चैनल वाले भी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं। और जानते हो आज दूसरा मर्डर हो गया और पते की बात यह है कि वहां भी ठीक उसी तरीके से दीवार पर कठपुतली लिखा गया है। ऐसा लग रहा है जैसे कोई खली चैलेंज कर रहा है कि अब मैं ऐसे ही मर्डर करूंगा आप मुझे रोक सकते हो तो रोक लो। समझ रहे हो तुम?" "हां, थोड़ा-थोड़ा समझ रहा हूं! हत्यारा कोई खास दुश्मन लगता है और उससे कोई पुरानी दुश्मनी हो सकती है। जो भी हो मैं देख लूंगा।" समीर ने मीरा का हाथ छोड़ते हुए कहा। "चल ठीक है मैं अभी तो चलती हूं जल्दी ही लौट आऊंगी तुझे कुछ चाहिए तो हंस मासी को बोल देना।" "कौन हंस मासी?" " मेरे पुत्र की देखभाल के लिए मैंने आया को रखा है।" "ठीक है तुम जल्दी लौट आना!" कहते हुए समीर सोफे पर लंबा हो गया। समीर के आने से मेरा खुशहाल नजर आ रही थी और दूसरी तरफ समीर गहरी सोच में डूब गया था। ऐसा लग रहा था यह लड़का जरूर कुछ ना कुछ जानता होगा। या फिर हो सकता है मीरा ने अपने पति के हत्यारे का पता लगाने इसे बुला लिया हो। खटपटिया सोचता रहा।

(क्रमश:)

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 08:58 PM

Nice

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Gunjan Kamal

30-Sep-2023 08:20 AM

👌👏

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